रुड़की में निर्माण कार्यों की आड़ में किस तरह से नगर निगम के बजट को ठिकाने लगाने की कोशिशें की जाती हैं, इसकी एक बानगी उस समय देखने को मिली, जब मुख्य नगर आयुक्त ने निर्माण के कार्य आदेश जारी करने से पहले संबंधित कार्यों की जांच कराई।
इस दौरान पाया गया कि निगम ने ऐसी दो जगहों पर निर्माण कार्यों के टेंडर जारी कर दिए हैं, जहां पहले से ही सड़क बनाई जा चुकी है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अब इन टेंडरों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
निर्माण कार्यों में गड़बड़ी को रोकने के लिए हाल ही में मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने टेंडर प्रक्रिया के बाद जारी होने वाले कार्य आदेश से पहले संबंधित कार्यों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। करीब एक माह पूर्व नगर निगम ने 18 कार्यों के टेंडर जारी किए थे।
जांच टीम गठित होने के बाद टीम ने सभी टेंडरों से संबधित निर्माण क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन किया, लेकिन इस दौरान पाया गया कि कृष्णानगर गली नंबर 20 में शेखर वालिया के घर से दुर्गेश के मकान तक पहले से ही सीसी सड़क बनी हुई है।
इस दौरान पाया गया कि निगम ने ऐसी दो जगहों पर निर्माण कार्यों के टेंडर जारी कर दिए हैं, जहां पहले से ही सड़क बनाई जा चुकी है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अब इन टेंडरों को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
निर्माण कार्यों में गड़बड़ी को रोकने के लिए हाल ही में मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने टेंडर प्रक्रिया के बाद जारी होने वाले कार्य आदेश से पहले संबंधित कार्यों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। करीब एक माह पूर्व नगर निगम ने 18 कार्यों के टेंडर जारी किए थे।
जांच टीम गठित होने के बाद टीम ने सभी टेंडरों से संबधित निर्माण क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन किया, लेकिन इस दौरान पाया गया कि कृष्णानगर गली नंबर 20 में शेखर वालिया के घर से दुर्गेश के मकान तक पहले से ही सीसी सड़क बनी हुई है।
इसके अलावा शिव विहार कालोनी में सेक्टर रोड से बृजपाल के मकान तक भी पहले से ही सड़क के निर्माण का कार्य किया जा चुका है। बावजूद इसके इन दोनों सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर जारी हो गए हैं। इन दोनों सड़कों के निर्माण की लागत करीब 10 लाख बताई जा रही है।
ऐसे में यदि जांच में यह खुलासा न होता तो इस सरकारी धन की बंदरबाट हो जाती। मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है। दोनों टेंडरों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भविष्य में भी बिना जांच के कोई निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
लिखकर नहीं दोगे तो तुम्हारी सेलरी से कटेगा पैसा
बुधवार को जांच रिपोर्ट लेकर एमएनए के पास पहुंचे जेई ने फाइल प्रस्तुत की। इस दौरान जेई ने बताया कि कृष्णानगर में ठेकेदार ने धोखे से बिना कार्य आदेश के इस सड़क का निर्माण किया है, इसलिए इस निर्माण को किसी अन्य निर्माण कार्य में एडजस्ट कर दिया जाए। इस पर एमएनए भड़क गईं।
उन्होंने रिपोर्ट में साफ-साफ यह लिखकर देने को कहा कि संबंधित सड़क का निर्माण पहले से ही हो चुका है और नगर निगम ने यह सड़क नहीं बनाई है। इस पर भी जेई सफाई देते रहे तो एमएनए ने कहा कि स्पष्ट रिपोर्ट नहीं तो संबंधित सड़क के निर्माण का पैसा उनकी सेलरी से काट लिया जाएगा। इस पर जेई ने मौके पर पाई गई स्थिति के अनुसार स्पष्ट आख्या लिखकर दे दी।
ऐसे में यदि जांच में यह खुलासा न होता तो इस सरकारी धन की बंदरबाट हो जाती। मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है। दोनों टेंडरों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भविष्य में भी बिना जांच के कोई निर्माण कार्य नहीं होने दिया जाएगा।
लिखकर नहीं दोगे तो तुम्हारी सेलरी से कटेगा पैसा
बुधवार को जांच रिपोर्ट लेकर एमएनए के पास पहुंचे जेई ने फाइल प्रस्तुत की। इस दौरान जेई ने बताया कि कृष्णानगर में ठेकेदार ने धोखे से बिना कार्य आदेश के इस सड़क का निर्माण किया है, इसलिए इस निर्माण को किसी अन्य निर्माण कार्य में एडजस्ट कर दिया जाए। इस पर एमएनए भड़क गईं।
उन्होंने रिपोर्ट में साफ-साफ यह लिखकर देने को कहा कि संबंधित सड़क का निर्माण पहले से ही हो चुका है और नगर निगम ने यह सड़क नहीं बनाई है। इस पर भी जेई सफाई देते रहे तो एमएनए ने कहा कि स्पष्ट रिपोर्ट नहीं तो संबंधित सड़क के निर्माण का पैसा उनकी सेलरी से काट लिया जाएगा। इस पर जेई ने मौके पर पाई गई स्थिति के अनुसार स्पष्ट आख्या लिखकर दे दी।