कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनपर कथित तौर पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप है। उन्होंने बिलासपुर में मुफ्त राशन देने की घोषणा की जिसके बाद उनके घर के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा ने कहा, 'हमें जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में लोग आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए विधायक के आवास पर एकत्र हुए हैं। वहां पर लगभग एक हजार लोग थे। यह राज्य सरकार द्वारा लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन है। भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 279 के तहत कार्रवाई की जाएगी।'
कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में धारा 144 लगाई हुई है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए पांडे ने कहा, 'जब मैं अपने आवास पर पहुंचा तो वहां बहुत बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा थी। मैंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा को इसकी जानकारी दी।'
उन्होंने कहा, 'मैंने पुलिस को फोन करके भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कहा। मैं बस जरुरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहा था, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उस वक्त पुलिस ने भीड़ को रोका क्यों नहीं? यह अपराध कैसे हो सकता है? मैंने लोगों को आने के लिए नहीं कहा था।'
विधायक का कहना है कि लोग वहां इसलिए आए क्योंकि कर्फ्यू में ढील दी गई। पुलिस को लोगों को रोकना चाहिए था। उन्होंने इस घटना के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुझे नहीं पता कि आखिर पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की।